रायपुर।
निःशुल्क स्वास्थ्य सहायता योजना के पैकेज में लगभग 1800 बीमारियों को शामिल तो
किया गया है, मगर कई तरह की बड़ी जांच के लिए मरीजों को अभी भी पैसे खर्च करने पड़ते
हैं। कैंसर से संबंधित पैट सीटी स्कैन, आईएचपी और बायोप्सी
जैसी जांच काफी महंगी है, जो हर मरीज के लिये आसान नहीं होता
और उन्हें निराश होना पड़ता है। इसी तरह न्यूरोलॉजी, हृदय और
त्वचा से संबंधित बीमारियों की जांच और कई इलाज पैकेज में नहीं है।
डाक्टरों
का तर्क है कि, मरीजों को निःशुल्क उपचार का पूरा लाभ देने के लिए महंगी जांच की सुविधाओं
को शामिल करने की जरूरत है। प्रदेश में संचालित शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान
स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत प्रदेश में 77 लाख से अधिक परिवार को 50 हजार और 5
लाख तक के नि:शुल्क उपचार की सुविधा पंजीकृत 637 शासकीय और निजी अस्पतालों में दी
जा रही है। इसके माध्यम से बड़ा वर्ग निशुल्क उपचार का लाभ तो ले रहा है, मगर कुछ तरह की बड़ी बीमारियों के इलाज और उससे संबंधित जांच के लिए
मरीजों को पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
मस्तिष्क की नसों से संबंधित
बीमारियों की शिकायत बढ़ रही
कैंसर की समस्या लगातार बढ़ रही है,
मगर इससे संपूर्ण इलाज की सुविधा अभी भी आयुष्मान से दूर है।
कीमोथेरेपी, रेडियोधेरेपी, सर्जरी तो
मरीजों को राहत दे रही, मगर इलाज की शुरुआत के लिये कराई
जाने वाली पैट सीटी स्कैन, एएचपी टेस्ट, बायोप्सी जांच की सुविधा इसमें शामिल नहीं की कई है। इस तरह की जांच 5-20
हजार से कम नहीं है, इसके लिए या तो मरीजों को पैसे खर्च
करने पड़ते हैं और खर्च वहन नहीं करने वालों को निराश होना पड़ता है। इसके अलावा
मस्तिष्क की नसों से संबंधित बीमारियों की शिकायत भी बढ़ रही है, मगर न्यूरोलॉजी के उपचार को पैकेज में नहीं जोड़ा गया है। रीनल बायप्सी,
हृदय से संबंधित कुछ जांच और त्वचा रोग को थी इसमें शामिल करने की
आवश्यकता है।
त्वचा रोग का इलाज काफी महंगा
त्वचा से संबंधित बीमारियों की
शिकायत होने पर ज्यादातर लोग इसे नंजर अंदाज कर देते हैं। इसकी एक बड़ी वजह
आयुष्मान के पैकेज में इसे शामिल नहीं किया जाना है। चिकित्सकों की मानें,
तो इस बीमारी का 90 फीसदी उपचार डे केयर सर्जरी के माध्यम से होता
है। इसके बावजूद लोग इलाज से पीछे हटते हैं, क्योंकि इसकी
दवाइयां काफी महंगी होती हैं। आयुष्मान योजना में इसे शामिल करने से त्वचा की
बीमारी से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सकती है।
योजना से हटाई गई एआईबीपी सुविधा
हृदयरोग चिकित्सकों के अनुसार योजना
में पूर्व में इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (एआईबीपी) की सुविधा के लिए 50 हजार का
पैकेज शामिल था, जिसे अब हटा लिया है। यह
प्रक्रिया हार्ट अटैक की स्थिति में रक्त पंप करने में मदद करता है। इसके अलावा
कैंसर से संबंधित पैलोटी केयर भी आयुष्मान योजना में शामिल करने पर जोर दिया जा
रहा है। इसमें मरीजों को असहनीय पीड़ा से मुक्ति दिलाने उपचार की प्रक्रिया पूरी
की जाती है।
चिकित्सकों का कहना है
मित्तल हास्पिटल डायरेक्टर डॉ.सुमन
मित्तल ने बताया कि, कैंसर से संबंधित कुछ
जांच को आयुष्मान पैकेज में जोड़ने और कुछ सर्जरी की दर बढ़ाने की आवश्यकता है।
जांच महंगी होने की वजह से मरीजों को पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
संजीवनी के डायरेक्टर डॉ. यूसुफ मेमन
कैंसर से संबंधित कई सुविधाएं
स्वास्थ्य योजनाओं के पैकेज में शामिल है, जिसका
लाभ मरीजों को मिल रहा है। कुछ जांच ऐसी हैं, जो काफी महंगी
हैं। इसको निशुल्क योजना में शामिल किया जाना चाहिए।