गरियाबंद : जिले के उदंती सीता नदी
अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों के अनुकूल वातावरण तैयार हो रहा,
इसलिए यहां एक बार फिर ढाई साल बाद टाइगर की वापसी हो गई. बीते
शनिवार की रात बैल को शिकार बनाते टाइगर कैमरे में कैद हुआ है. इसके अलावा पिछले 6
माह में अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का कुनबा बढ़ता नजर आया है.
उदंती सीता नदी अभ्यारण्य में दिखा बाघ
दरअसल 1852
स्क्वेयर किलो मीटर में फैले अभ्यारण्य में पिछले डेढ़ साल से
अभ्यारण प्रशासन ने वन्य प्राणियों के अनुकूल माहौल बनाने में सफल हुआ है.
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि बफर जोन में 700 हेक्टर वन
काट कर 7 बड़ी बस्ती बसाने वाले 250 अतिक्रमण
कार्यों को खदेड़ा गया. ये वन्य प्राणियों के शिकार भी करते थे, जिस पर विराम लगा.
इसके अलावा गर्मी सीजन में पहली बार
अभ्यारण्य प्रशाशन ने कोर जोन में घने जंगलों के बीच मौजूद 8
बड़े तालाबों को सोलर पंप के जरिए पानी से लबालब कर दिया. साथ ही
बाघ कारीडोर में 1000 से ज्यादा झेरिया बनाया गया।इसके चलते
बाघ की मौजूदगी के अलावा जंगली जानवरों के झुंड की मौजूदगी बता रहा रहा है कि वन्य
प्राणियों के अनुकूल माहौल देने में अभ्यारण्य प्रशाशन सफल रहा है.
वन्य प्राणियों का कुनबा
बफर जोन में मानव वन्यप्राणि द्वंद
में आई कमी _ कूल 1852 स्क्वेयर किलो मीटर एरिया में फैले में उदंती सीता नदी अभ्यारण के कोर जोन
में 51 और बफर जोन में59 गांव बसे हैं।
तौरेंगा और अरसी कन्हार रेंज वन्य प्राणियों के लिए सुरक्षित माना जाता है. दो साल
पहले की रिकॉर्ड की बात करें तो हर साल 8 से 10 वन्य प्राणियों का शिकार हो जाता था, जबकि इतने ही
रिहायशी इलाके में वन्य प्राणियों के हमले से ग्रामीण घायल या मारे जाते थे. जंगल
से कब्जे हटाए जाने के बाद मानव प्राणी द्वंद में कमी आ गई है. अब पानी के बेहतर
व्यवस्था के चलते वन्य प्राणियों का कुनबा बढ़ते जा रहा है.