रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र
मोदी की पहल पर देशभर में आदिवासी समुदायों के समग्र विकास के लिए शुरू किया गया ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ अब ज़मीन पर
असर दिखाने लगा है। यह राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम 2 अक्टूबर 2024
को प्रारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य है
आदिवासी बहुल ग्रामों को समावेशी विकास की राह पर आगे बढ़ाना।
अभियान के अंतर्गत 15
जून से 30 जून 2025 तक
देश के 63,843 चयनित ग्रामों में लाभ- संतृप्ति शिविरों का
आयोजन किया जाएगा। ये शिविर 26 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों के 546 जिलों में लगाए जाएंगे,
जहाँ आदिवासी समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ
पहुँचाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य में भी इस अभियान की
शुरुआत जोर-शोर से की जा रही है। राज्य के 32 जिलों के 6,691 चयनित ग्रामों में शिविरों का आयोजन
किया जाएगा। इस दौरान लाखों अनुसूचित जनजाति परिवारों को विकास योजनाओं से जोड़ा
जाएगा।
शिविरों के माध्यम से आदिवासी
नागरिकों को आधार कार्ड पंजीयन एवं सुधार, आयुष्मान
भारत, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, जाति
प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जनधन बैंक खाता, सिकल सेल जांच, विद्युत कनेक्शन, पक्के मकानों की स्वीकृति, वन अधिकार अधिनियम से संबंधित प्रशिक्षण के अलावा अलग-अलग योजनाओं से लाभ
दिलाया जाएगा।
सरकार द्वारा इस अभियान के तहत
आदिवासी बहुल क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों,
ब्लॉकों और वन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसका उद्देश्य
इन क्षेत्रों में सामाजिक ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका में सुधार लाकर समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना
है। अभियान के तहत आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा
रहा है। इसके लिए स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा, आदिवासी होमस्टे योजना के अंतर्गत पर्यटन से जोड़ा जाएगा, आदिवासी बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे,विद्यालयों एवं छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और विद्युतीकरण जैसी सेवाएं भी दी जाएंगी।
आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ के लिए
यह अभियान समाजिक न्याय, भागीदारी और समानता
की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे न केवल आदिवासी समाज को उनके हक और अधिकार
मिलेंगे, बल्कि उनकी पहचान, संस्कृति
और आजीविका को भी मजबूती मिलेगी। निश्चित ही देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र
मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण ही विगत 11 वर्षों में देश की 'विश्वास और विकास' की एक नई तस्वीर आई है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ सरकार की एक
ऐतिहासिक पहल है, जो आदिवासी समाज को गांवों को विकास,
विश्वास और आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करेगी। यह अभियान निश्चित
ही भारत को समावेशी राष्ट्र की दिशा में आगे ले जाएगा और 'धरती
आबा' से 'जमीन और जीवन संवरेगी'।