रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका गत
दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और
विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से
लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और
सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का
कर्तव्य है।
राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन
में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता
और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश
की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद,
घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश
की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती
है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन,
बांग्लादेश, नेपाल, भूटान
और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और
प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
श्री डेका ने कहा कि हमारे सैनिक,
प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी
तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते
हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते
हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य
गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की
जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग
में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट
निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को
और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा
प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के
पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।