अरुण शर्मा/संवाददाता
किरंदुल। किरंदुल में बस्तर संभाग का सबसे विशाल और भव्य नागार्जुन बुद्ध विहार अब शांति, करुणा और प्रज्ञा का प्रतीक बनकर उभरा है। हाल ही में इस विहार में थाईलैंड से लाई गई भगवान बुद्ध की मनमोहक प्रतिमा का अनावरण एक ऐतिहासिक समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस समारोह में नागपुर और बेंगलुरु से आए भंते संघ, एनएमडीसी के सीजीएम संजीव साही, और किरंदुल नगरपालिका अध्यक्ष रूबी सिंह ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया। किरंदुल के गांधीनगर की पहाड़ी पर एकांत और शांत वातावरण में स्थित नागार्जुन बुद्ध विहार अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए अब चर्चा का विषय बन गया है। यह विहार बस्तर संभाग में सबसे बड़ा बौद्ध विहार है, जो न केवल स्थानीय समुदाय, बल्कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यह स्थान ध्यान और शांति के लिए आदर्श माना जा रहा है, जिसे भंते संघ ने भी सराहा। विहार की वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक अनूठा आध्यात्मिक स्थल बनाते हैं। उल्लेखनीय हैं कि इस विहार की सबसे खास विशेषता है थाईलैंड से लाई गई भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा। यह प्रतिमा न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि बौद्ध धर्म के शांति और करुणा के संदेश को भी दर्शाती है। प्रतिमा अनावरण समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, बौद्ध अनुयायी, और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। नागपुर और बेंगलुरु से आए भंते संघ ने इस अवसर पर बौद्ध धर्म के मूल सिध्दांत पर प्रकाश डाला। एनएमडीसी किरंदुल के सीजीएम संजीव साही ने इस पहल को सामुदायिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक वर्क्स किशन आहूजा ,कार्मिक प्रमुख के एल नागवेणी ,पालिकाध्यक्ष रूबी सिंह नागार्जुन बुद्ध विहार समिति के बी आर डांगे ,मधुकर सीताप राव के साथ सभी सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित रहे।