अरुण शर्मा/संवाददाता
किरंदुल। एनएमडीसी किरंदुल परियोजना क्षेत्र में इन दिनों एनएमडीसी के खदानों से निकलने वाले लोह अयस्क की तस्करी का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उल्लेखनीय हैं कि विगत वर्ष 28 जुलाई को भी एनएमडीसी किरंदुल के लोडिंग प्लांट के यार्ड से अवैध रूप से लोह अयस्क भरकर जा रही ट्रक को वन विभाग के अमले ने पकड़ा था तो वहीं कुछ ही दिनों बाद अक्टूबर में एनएमडीसी किरंदुल के एमबी साइडिंग से लोह अयस्क भरकर जा रही दो ट्रकों को दंतेवाड़ा में पकड़ा गया था। रविवार को भी किरंदुल परियोजना के एमबी साइडिंग से लोह अयस्क भरकर जा रही बीजापुर की हाइवा नंबर सीजी 20 जे 7769 को पकड़ा गया है फिलहाल लोह तस्करी कर रही हाइवा किरंदुल पुलिस थाना में खड़ी है और जांच जारी है। कहीं न कहीं एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के लोडिंग प्लांट और एमबी साइडिंग से लोह अयस्क की तस्करी में परियोजना के उन ठेकेदारों की मिलीभगत से भी इंकार नही किया जा सकता है जो कि एनएमडीसी के लोह अयस्क को पोकलेन के माध्यम से ट्रकों में लोड करते हैं। क्योंकि बिना पोकलेन के लोह अयस्क को ट्रकों में भरना संभव नहीं है। साथ ही बिना सिंडिकेट के लोह अयस्क की तस्करी भी संभव नहीं है। पूरा सिंडिकेट कहीं न कहीं वन विभाग, खनिज विभाग की आँखों में धूल झोंक कर तस्करी को बड़े पैमाने पर अंजाम दे रहा है।
एनएमडीसी के परिवहनकर्ता ठेकेदारों पर भी उठ रही शक की सुई
पिछले साल जुलाई में भी एनएमडीसी के लोडिंग प्लांट के यार्ड से एनएमडीसी के परिवहनकर्ता ठेकेदार मुर्गेश रेड्डी की पोकलेन ने ट्रकों में अवैध रूप से लोह अयस्क भरा था तो वहीं अक्टूबर में एनएमडीसी के ठेकेदार मनोज प्रसाद के पोकलेन ने एमबी साइडिंग से दो ट्रकों में अवैध रूप से लौह अयस्क भरा था। रविवार को भी पकड़ाई गई हाइवा में एनएमडीसी के किसी ना किसी ठेकेदार की पोकलेन ने ही माल भरा होगा। फिलहाल अवैध लोह अयस्क से भरी हाइवा को किरंदुल पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।