रायपुर :
सीएम विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 4 जून को कैबिनेट बैठक हुई. इस मीटिंग में ट्रांसफर पॉलिसी
को मंजूरी मिल गई है. साथ ही नवा रायपुर में कला ग्राम, युवाओं
के लिए युवा रत्न सम्मान समेत कई अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट मीटिंग खत्म होने
के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने प्रेस ब्रीफिंग कर सभी अहम फैसलों की जानकारी
दी.
25 जून के बाद नहीं होंगे ट्रांसफर
कैबिनेट
मीटिंग में ट्रांसफर पॉलिसी का अनुमोदन किया गया है. इसके तहत जिला स्तर पर 14 जून से 25 जून
तक प्रभारी मंत्री द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से ट्रांसफर
होंगे. इसके लिए आवेदन 6 जून से 13 जून
तक स्वीकार किए जाएंगे.
तीन गांवों के बदले गए नाम
इस
कैबिनेट बैठक में तीन गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम अब
से ‘कबीर
धर्मनगर दामाखेड़ा’ होगा. वहीं, कबीरधाम
जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत गदहाभाठा का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत
सोनपुर और बोड़ला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर का नाम बदलकर ग्राम पंचायत
चंदनपुर करने का फैसला लिया गया है.
10 एकड़ जमीन में बनेगा कला ग्राम
छत्तीसगढ़
राज्य की कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कला ग्राम की स्थापना के लिए नवा
रायपुर अटल नगर में संस्कृति विभाग को 10 एकड़ भूमि आवंटन का
फैसला लिया गया है. यह कला ग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों
और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा, जो
सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा. साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को
सुदृढ़ करेगा और स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी
कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच भी प्रदान करेगा.
राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी को मंजूरी
नवा
रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के लिए खेल एवं
युवा कल्याण विभाग को 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इस अकादमी
में आउटडोर और इनडोर (एसी) तीरंदाजी रेंज, उच्च प्रदर्शन
केंद्र, छात्रावास एवं आवासीय सुविधा का निर्माण किया जाएगा.
इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभरेगा.
जन आवास नियम को मंजूरी
राज्य के
निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में किफायती एवं सस्ते भूखण्ड उपलब्ध
कराने के लिए छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025 को मंजूरी दी गई है. इससे लोगों को शहरी और ग्रामीण
क्षेत्रों में उचित दर पर भूखंड उपलब्ध कराकर पानी, बिजली,
सड़क, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की बेहतर
व्यवस्था सुनिश्चित होगी. अवैध प्लाटिंग की रोकथाम के साथ ही लोगों को सुव्यवस्थित
कॉलोनियों का विकल्प मिलेगा और राज्य में रियल एस्टेट व इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र
में निवेश के नए अवसर उपलब्ध होंगे.
युवा रत्न सम्मान योजना को मंजूरी
प्रदेश
में युवा कल्याण के विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों व्यक्ति एवं
संगठनों को सम्मानित करने के लिए युवा रत्न सम्मान योजना शुरू करने का महत्वपूर्ण
निर्णय लिया गया है. इस योजना के तहत युवा कल्याण के क्षेत्र में असाधारण और
विशिष्ट सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा स्वैच्छिक संगठनों को ‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा.
छत्तीसगढ़
युवा रत्न सम्मान हर वर्ष राज्य के एक युवा और एक स्वैच्छिक संस्था को उनके
उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाएगा. इसमें युवा को पदक, प्रमाण पत्र, शॉल
और अधिकतम 2.50 लाख रुपए, जबकि संस्था
को अधिकतम 5 लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी.
इसके साथ
ही सामाजिक, साहित्य, नवाचार, शिक्षा,
खेल, पर्यावरण, महिला
एवं बाल विकास, मीडिया, स्वास्थ्य,
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दिव्यांगजन
सशक्तिकरण, कला-संगीत तथा लोककला के क्षेत्र में ‘युवा रत्न सम्मान’‘ प्रदान किया जाएगा. युवा रत्न
सम्मान प्रत्येक वर्ष उपरोक्त क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित एक-एक
युवाओं को प्रदान किया जाएगा. इसमें पदक, पदक प्रमाण पत्र,
शॉल और अधिकतम एक लाख रूपए शामिल हैं. महिला एवं बाल विकास के
क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान केवल महिलाओं और बालिकाओं को दिया
जाएगा.
कोच भर्ती के नियमों में बदलाव
राज्य
में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत प्रशिक्षक (कोच)
के पद पर भर्ती हेतु राष्ट्रीय क्रीडा संस्था पटियाला से प्रशिक्षक के डिप्लोमा के
मापदण्ड को एक वित्तीय वर्ष के लिए शिथिलीकरण करने का फैसला लिया गया है.
छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30 को मंजूरी
राज्य
में ग्रामीण एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा स्थानीय
लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30’ का
अनुमोदन किया गया. होमस्टे नीति का उद्देश्य यह है कि छत्तीसगढ़ के गांवों और
विशेषकर बस्तर और सरगुजा के दूर-दराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए.
इससे
वहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले. होमस्टे के जरिए पर्यटकों को गांव की
संस्कृति, कला, शिल्प और प्रकृति से जुड़ा खास अनुभव मिलेगा.
साथ ही, इससे गांवों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ होगा
और उनकी आमदनी बढ़ेगी. यह एक तरह से ओकल फॉर लोकल के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश
में ग्रामीण पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा.