June 12, 2025


अब हिंदी में कर सकेंगे एमबीए : मातृ भाषा में सीखने के इच्छुक छात्रों के लिए संचालित होगा पाठ्यक्रम

रायपुर। ऐसे छात्र जो इंग्लिश नहीं आने के कारण एमबीए नहीं कर पाते हैं, उनके लिए हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति अंतर्गत समावेशी शिक्षा की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ने अपने प्रमुख एमबीए प्रोग्राम को अब हिंदी में भी शुरू कर दिया है। इसके पहले उड़िया सहित कुछ अन्य स्थानीय भाषाओं में भी इसे शुरू किया जा चुका है। इग्नू के मुताबिक, नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के उद्देश्यों के अनुरूप है। बहुभाषी पाठ्यक्रम का संचालन और प्रोफेशनल कोर्स को अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है।

इम्रू का कहना है कि, इस प्रयोग का उद्देश्य मैनेजमेंट एजुकेशन को उन स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा आसान बनाना है, जो अपनी मातृभाषाओं में सीखने में ज्यादा सहज महसूस करते हैं। नई भाषा में पाठ्यक्रम को लॉन्च करने के बाद इग्रू को उम्मीद है कि नॉन इंग्लिश लैंग्वेज बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स के लिए प्रोफेशनल स्टडीज कम डरावना और ज्यादा समझने योग्य हो जाएगा।

सत्रांत परीक्षाएं कल से

इम्रू की जून 2025 की स्रांत परीक्षाएं 12 जून से 19 जुलाई तक आयोजित होंगी। परीक्षाएं दो पालियों में हॉंगी। पहली पाली सुबह 10 से दोपहर 1 बजे 'तक और दूसरी पाली दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी। परीक्षार्थी अपना हॉल टिकट इम्रू की वेबसाइट www.ignou.ac.in  से डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा केंद्र पर हॉल टिकट और पहचान पत्र (आधार कार्ड या पैन कार्ड लाना अनिवार्य है। परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच और ब्लूटूथ डिवाइस जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।

एआई की मदद से किया गया अनुवाद

सरकार की ई-कुंभ पहल के तहत यह प्रोग्राम इध्ू और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) के बीच साझेदारी से बढ़ रहा है।  एजूकेशनल कंटेंट का हिंदी में अनुवाद 'अनुवादिनी' नामक एक एआई-बेस्ड टूल का इस्तेमाल करके किया गया है, जिसे एआईसीटीई ने एजूकेशनल कंटेंट के लोकलाइजेशन के लिए विकसित किया है। एआईसीटीई के अनुसार, भविष्य में 10 अन्य भारतीय भाषाओं में एमबीए कंटेंट लॉन्च करने की योजनाओं का खुलासा किया। मल्टिलिंगुअल एमबीए पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि कोई भी इच्छुक प्रोफेशनल पीछे न छूटे, चाहे उनका भाषाई बैकग्राउंड कुछ भी हो।


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