रायपुर| बिलासपुर में पुलिस ने अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के आरोपियों ने चोरी के मोबाइल का पासवर्ड क्रैक कर बैंक अकाउंट से चार लाख रुपए उड़ा दिए। दरअसल, नागरिक आपूर्ति निगम के मैनेजर के मोबाइल चोरी कर ठगों ने पासवर्ड क्रैक कर लिया और उनके बैंक अकाउंट के फंड ट्रांसफर करते रहे। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों से 22 मोबाइल बरामद किए हैं। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि, सरकंडा के अशोक नगर में रहने वाले मुकेश दुबे नागरिक आपूर्ति निगम में मैनेजर हैं। उनकी पोस्टिंग मुंगेली जिले में हैं। बीते 24 अक्टूबर को वे सब्जी लेने के लिए बृहस्पतिबाजार आए थे। तभी चोरों ने उनकी जेब से मोबाइल पार कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की। इस दौरान बीच चोरों ने उनके मोबाइल का पासवर्ड क्रैक कर लिया और उनके मोबाइल पर चल रहे फोन-पे का उपयोग कर उनके बैंक खाते से करीब तीन लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया। साथ ही सदर बाजार स्थित ज्वेलरी शॉप में जाकर 90 हजार रुपए की सोने की चेन भी खरीद ली। इसकी भनक उन्हें तब लगी, जब वे एटीएम से पैसे निकालने गए। उनके बैंक अकाउंट से लगातार पैसा ट्रांसफर हो रहा था। उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। तब पुलिस की सायबर सेल की टीम मामले की जांच में जुट गई। तकनीकी जांच में पुलिस को झारखंड के देवघर क्षेत्र से फ्रॉड होने की जानकारी मिली। पुलिस इस गिरोह की तलाश कर रही थी। तभी तकनीकी जांच व सीसीटीवी फुटेज देखने पर पर पता चला कि ज्वलेरी शॉप में जाकर झारखंड के साहेबगंज जिले के राजमहल बाबनगर के तीनपहाड़ निवासी भोला कुमार उर्फ टाइगर नोनिया (21) व गौतम कुमार (22) ने खरीदारी की थी। पुलिस ने दोनों युवकों को दबोच लिया। उनसे पूछताछ में पता चला कि युवक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में घूमकर मोबाइल चोरी करते थे। इसके बाद इन मोबाइल के जरिए खातों से पैसे पार करते थे। पुलिस ने इनके पास से 22 मोबाइल भी बरामद किया है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाकर उनकी तलाश कर रही है। पुलिस ने बैंक से डिटेल्स निकाले तब पता चला कि आरोपियों ने सदर बाजार के एक ज्वेलरी शॉप से 90 हजार का जेवर खरीदा था और पेमेंट फोन-पे के माध्यम से ऑनलाइन मैनेजर के फोन- पे अकाउंट में किया था। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने ज्वेलरी शॉप में जाकर सीसीटीवी का फुटेज लिया। सीसीटीवी फुटेज में युवकों की तस्वीर मिलने के बाद पुलिस उनकी तलाश शुरू कर दी। टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि, मोबाइल चोरी के मामले में गिरफ्तार युवकों से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ में बताया कि युवक फोन-पे का पिन रिसेट कर देते थे। इसकी जानकारी पीड़ित को लगने से पहले ही उनके खाते से रुपए पार कर देते थे। क्योंकि, इस बीच पीड़ित का सिम भी उनके पास ही होता था। इसके बाद वे पासवर्ड क्रैक करके अपने मोबाइल पर एप्स चलाने लगते थे और उसके जरिए ही फंड ट्रांसफर करते थे।