रायपुर। हेल्थ सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिए जाने
से प्रदेश के 'दूररवर्ती इलाकों में बड़े और आधुनिक
सुविधाओं वाले हॉस्पिटल खोलने का रास्ता आसान हो जाएगा। इससे मरीजों को रियायती दर
पर आधुनिक तरीकों से इलाज की सुविधा मिलेगी। 38 बिस्तर से
अधिक क्षमता वाले अस्पताल खोलने के लिए 35 से 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे राज्य में देश के कई बड़े नामी
हॉस्पिटलों के आने की संभावना बढ़ेगी और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के आधुनिकीकरण पर जोर
दिया जा रहा है। इसके तहत मरीजों को बेहतर और आधुनिक उपचार की सुविधा देने
प्रायवेट सेक्टर के अस्पतालों को बढ़ावा देने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। प्रदेश
के दूरवर्ती इलाके जिसमें सरगुजा और बस्तर में पचास बिस्तरों से अधिक क्षमता वाले
अस्पताल खोलने के लिए 50 फीसदी और रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर में 35
प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। राज्य कैबिनेट में इसे मंजूरी दी जा चुकी है और आने
वाले दिनों में गजट नोटिफिकेशन कर लागू कर दिया जाएगा।
वैसे तो प्रदेश में की बड़े अस्पताल लोगों को उपचार
की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, मगर इस सब्सिडी के
बाद देश के बड़े कार्पोरेट हॉस्पिटलों के यहां आने की संभावना बढ़ जाएगी। जानकारों
का कहना है कि इसका सीधा लाभ मरीजों को रियायती दरों पर उपचार के रूप में मिलेगी
और आधुनिक उपकरणों से ट्रीटमेंट की क्वालिटी में भी सुधार होगा।
बेहतर टेक्नोलॉजी की संभावना
रामकृष्ण हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे
ने बताया कि, सब्सिडी योजना के लागू होने से
अस्पतालों के खर्चे कम होंगे। बचत की राशि से अस्पताल प्रबंधन बेहतर टेक्नोलॉजी ला
सकेंगे साथ ही मरीजों का इलाज भी रियायत दर पर संभव हो सकेगा।
सुविधाओं का विस्तार होगा
मेडिशाइन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सुशील शर्मा ने
बताया कि, शासन की इस योजना से प्रदेश में
हॉस्पिटलों की सुविधाओं का विस्तार होगा। अभी नया अस्पताल खोलने में जितना खर्च
होता उतने में प्रबंधन इलाज से संबंधित ज्यादा मशीनों की व्यवस्था कर सकेगा।
दूसरे
राज्यों पर निर्भरता खत्म
स्वास्थ्य
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि, प्रदेश में उपचार की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास
किया जा रहा है। शासकीय के साथ प्रायवेट सेक्टर के हास्पिटलों को बढ़ावा देने के
लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही है। सब्सिडी योजना से प्रदेश के दूरवर्ती
क्षेत्रों के साथ अन्य हिस्सों में भी नये अस्पतालों की संख्या बढ़ेगी। इससे कुछ
बीमारियों के इलाज के लिये दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। मरीजों को
प्रदेश में आधुनिक मशीनों से उपचार का लाभ मिलेगा।
सभी
अस्पतालों को लाभ देने की जरूरत
छत्तीसगढ़
एएचपीआई के अध्यक्ष डॉ.राकेश गुप्ता ने बताया कि, सब्सिडी का लाभ छोटे-बड़े सभी अस्पतालों को दिए जाने की
आवश्यकता है, एएचपीआई इसके लिए नियम में संशोधन करने की मांग
करेगी। हास्पिटलों का उद्योग का दर्जा मिलने नये हास्पिटल आने से रोजगार की
संभावना भी बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और सेवाओं की
लागत में आवश्यक कमी आ जाएगी। छोटे और मध्यम आकार के अस्पतालों का फैलाव बढ़ेगा और
सुदूर अंचलों में बढ़ावा मिलेगा।
मेडिकल
टूरिज्म को बढ़ावा
रायपुर
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सोलंकी ने बताया कि, राज्य शासन के इस फैसले से प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म को
बढ़ावा मिलेगा। इसके बाद दूसरे राज्यों से मरीज इलाज के लिए छत्तीसगढ़ आएंगे।
अस्पतालों की संख्या बढ़ने से नर्सिंग स्टाफ और डाक्टरों के सामने रोजगार के बेहतर
विकल्प खुलेंगे। इससे प्रदेश के दूरवर्ती इलाकों तक आधुनिक उपचार की सुविधा पहुंचने
की संभावना भी बढ़ेगी। राज्य शासन का यह फैसला स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बेहतर
साबित होगा।