रायपुर : राजनांदगांव में रेत माफिया द्वारा की गई गोलीबारी विष्णु के
सुशासन की वास्तविक हकीकत है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद
शुक्ला ने कहा कि भाजपाई सत्ताधीशों के संरक्षण में पूरे प्रदेश में रेत माफिया
आतंक का खूनी खेल खेल रहा है। भाजपा के मंत्री, विधायक, नेता,
रेत के अवैध कारोबार के भागीदार बने हुये है। अपनी हिस्सेदारी
सुनिश्चित कर सत्तारूढ़ दल के नेता रेत माफिया की दादागिरी को प्रश्रय देते है। रेत
घाटो के क्षेत्र के ग्रामीण और पंचायत कर्मचारी खनिज कर्मचारी बेबश और लाचार बन
गये है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा की
सरकार बनने के बाद से जंगल राज आ गया है। पूरे प्रदेश में अवैध रेत खनन का काम
जोरों से चल रहा है, रेत माफिया लगातार मनमानी कर रहे हैं।
पिछले दिनों बलरामपुर जिले के लिबरा गांव में रेत माफियाओं ने एक आरक्षक पर
ट्रैक्टर चढ़ा दिया था, जिससे सनवाल थाने के आरक्षक शिव बच्चन
सिंह की मौत हो गई थी। गरियाबंद के खनिज इंस्पेक्टर सहित माइनिंग विभाग के अधिकारी
कर्मचारियों को रेत माफिया के गुर्गों के द्वारा बेरहमी से पिटा। धमतरी, राजिम और महासमुंद की घटनाएं भी सर्वविदित है।
राजधानी
रायपुर से लगे आरंग, समोदा, हरदीडीह में भी धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन
चालू है। हरदीडीह में तो खनिज विभाग के 16 अधिकारी, कर्मचारियों को रेत तस्करों के गुंडो ने दौड़कर लाठी डंडों से पिटा। अगस्त 2024
का मामला भी सर्वविदित है, जिसमें अवैध रेत
खदानों और रेत के अंतर्राज्यीय तस्करी की स्टोरी बनाने मौके पर पहुंचे पत्रकार
बप्पी राय सहित चार पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखवा कर उल्टे उन्हें ही जेल भेज
दिया गया, शिकायत करने पर कोटा थाना प्रभारी में सीसीटीवी
फुटेज गायब कर दिया आज भी वे पत्रकार बिना गलती के आज भी पेसी में जा रहे हैं। रेत
तस्करों का मनोबल इतना बड़ा हुआ है कि अब विरोध करने वाले पत्रकार विपक्ष के नेता
और पुलिस वालों पर भी हमला कर रहे हैं खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं। अपनी हिस्सेदारी
सुनिश्चित कर सत्तारूढ़ दल के नेता रेत माफिया की दादागिरी को प्रश्रय देते है। रेत
घाटो के क्षेत्र में ग्रामीण, पंचायत कर्मी, खनिज विभाग के कर्मचारी बेबश और लाचार है।
प्रदेश
कांग्रेस संचार विभाग के सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि बीते 17 महीना में रेत के दाम 8 गुना महंगे हो गए जितने भी अधिकृत तौर पर खदानें हैं, उनसे 5 गुना अधिक अवैध खादाने संचालित है। केंद्रीय
पर्यावरण विभाग के आदेशों की खुली अवहेलना करके रेत खदानों में चैन माउंटेन पोकलेन
से अवैध तरीके से रेत निकाला जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान सभी 450
रेत खदानों के लिए एक ठोस नीति बनाई थी, रेत
खदानों में प्रभावी नियंत्रण और पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे,
जिसका छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के द्वारा मॉनिटरिंग की व्यवस्था थी
जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया। लोडिंग की अधिकतम दर 450 रुपए
प्रति वाहन था, जो आज 2000, 3000 और 4000
तक वसूला जा रहा है। रेत के दाम 8 गुना बढ़ गया
है। पूरे प्रदेश में रेत का अवैध भण्डारण आम बात है। सब कुछ जानते बुझते हुए भी
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का संरक्षण रेत तस्करों को प्राप्त है।