नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र
मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में
छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।दिल्ली प्रवास
के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से भी उनके आवास पर
मुलाकात की। जहां राज्य के विकास, नक्सल ऑपरेशन सहित अन्य
प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ
संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं। मुख्यमंत्री
श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए
फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों
में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि
इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी
बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में
संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल
टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि
वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को
पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही
काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का
युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के
इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद
नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक
साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक
सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से
लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों
में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन,
स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के
लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया
कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर
प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को
बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत
गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह
जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस
काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है,
जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।
सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी
भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने,
और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस
साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही
साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा
परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत
से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300
से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही,
मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी
बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी
परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा
राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री
साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण
सहयोग का आश्वासन दिया।