अरुण
कुमार शर्मा की रिपोर्ट
किरंदुल/दंतेवाड़ा: जिले के किरंदुल नगर के बंगाली कैम्प
में भाजपा महिला मोर्चा की नेत्री और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा एक व्यक्ति
के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आरोप है कि
भाजपा के नेता संगठन और पार्टी नियमों को ताक पर रखकर मनमानी करते हुए खुद ही 'न्याय' करने लगे।
घटना में
कराटे टीचर प्रबल मंडल, जो कि राष्ट्रीय हिंदू बंगाली संगठन के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष भी हैं,
उनके साथ मारपीट की गई। बताया जा रहा है कि अतुल सिंह के कहने पर
उन्हें 6-7 वर्षों से बंद पड़े सरस्वती शिशु मंदिर भवन में
रहने दिया गया था। उस भवन को उन्होंने साफ-सुथरा कर मरम्मत करवाया और महिलाओं को
टीचर व चौकीदार के रूप में रखकर स्कूल की गतिविधियाँ शुरू करवाईं।
स्थानीय
भाजपा महिला मोर्चा की कुछ महिलाओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए भवन अपने नियंत्रण
में लेने की मांग की। जब प्रबल मंडल ने भवन खाली करने से मना कर दिया और सोशल
मीडिया पर भाजपा नेताओं और उनके निर्माण कार्यों को लेकर टिप्पणी करनी शुरू की, तब विवाद ने उग्र रूप ले लिया। आरोप
है कि इसके बाद भाजपा नेताओं ने प्रबल मंडल का सामान बाहर फेंक दिया और उन्हें
जबरन थाने ले जाकर बयान दिलवाया कि उनके साथ मारपीट नहीं हुई है।
प्रबल
मंडल की थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, और आरोप है कि भाजपा नेताओं ने अधिकारियों को ऊपर से फोन
कर दबाव बनाया। इस मामले को लेकर अब भाजपा की पूर्व प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य मीरा तिवारी और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी खुलकर प्रबल मंडल
के समर्थन में आ गई हैं और उन्होंने मोर्चा खोल दिया है की एक शिक्षक के साथ ऐसा
नहीं होना चाहिए था उन्हें न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचाएंगे
साथ ही इस वीडियो में देखा गया है कुछ महिलाओं पर पूर्व में में कई मामले दर्ज
हुवे थे जिसे भाजपा का अपनी पार्टी में लिया है उसके द्वारा ऐसा कृत्य किया जा रहा
है साथ ही संगठन के वरिष्ठ लोगों पर पार्टी किस प्रकार की कार्यवाही करती ये
विचारणीय है
साथ इस
इस पूरी घटना का षड्यंत्रकारी कौन है ये भी एक जांच का विषय है इन उस पर शासन क्या
कार्यवाही करती है क्या प्रबल मंडल को न्याय मिलेगा इतना पिता और धमकाया गया कि
उन्होंने रिपोर्ट लिखने से ही इनकार कर दिया
किरंदुल
थाना प्रभारी संजय यादव का कहना है कि पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज नही करवाई जब उसको
लेकर बीजेपी वाले थाने में पहुचे तब भी मेने पूछा कि आपके साथ मार पीट हुई आप
रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहते हो तो उसने उस वक़्त मना कर दिया अगर वो रिपोर्ट दर्ज
करवाना चाहता है तो एफआईआर दर्ज की जाएगी किसी को भी कानून अपने हाथ मे लेने का
अधिकार नहीं है।