रायपुर : सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री
श्री विष्णुदेव साय सीतागांव के समाधान शिविर के बाद हेलीकॉप्टर से
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गभरा गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण
किया। इस सिंचाई जलाशय से 34 गांवों के लगभग साढ़े चार हजार
किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जलाशय से 1840 हेक्टेयर
क्षेत्र में खरीफ और 1380 हेक्टेयर में रबी फसलों की सिंचाई
होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जलाशय स्थल का निरीक्षण करते
हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने और गुणवत्ता का विशेष
ध्यान रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जलाशय न केवल किसानों की आय
बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि इस क्षेत्र के सामाजिक और
आर्थिक विकास का भी सशक्त आधार होगा। हमारी सरकार हर किसान तक पानी पहुँचाने के
लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक
अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित
थे।
गौरतलब है कि इस जलाशय के माध्यम से तीन जिलों के 34 गांवों खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के गभरा, कोटरीछापर,
दोड़िया, विचारपुर, बुन्देली,
मुरई, खैरी, सीताडबरी,
कोटरा, साल्हेकला, बेमेतरा
जिले के पठारझोरी, चिचानमेटा, जानो,
रानो, गाड़ाडीह, सोनडबरी
गांव और दुर्ग जिले के अगारकला, अगारखुर्द, साल्हेखुर्द, नवागांव में सिंचाई सुविधा का विस्तार
होगा।
इसके अलावा डुबान क्षेत्र के किसान भी 120 हेक्टेयर भूमि पर रबी और सब्जियों की खेती कर सकेंगे। जलाशय से प्रतिवर्ष 498
क्विंटल मत्स्य उत्पादन की संभावना है, जिससे 200
ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। क्षेत्र के भूजल स्तर में वृद्धि होगी,
जिससे निस्तारी और पेयजल संकट भी कम होगा। कुल 23 निर्मित लघु जलाशयों को जल आपूर्ति भी इसी परियोजना से सुनिश्चित होगी।
इनमें विकासखंड छुईखदान के 13 जलाशय-साजा के 7 जलाशय-धमधा के 3 जलाशय शामिल है।