रायपुर : घर या फ्लैट खरीदने वाले
लोगों को अब सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि
रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के
अनुसार किसी भी फ्लैट की बिक्री केवल ‘कार्पेट एरिया‘
के आधार पर ही की जा सकती है। इसके बावजूद कई बिल्डर अपने
प्रोजेक्ट्स में ‘सुपर बिल्ट-अप एरिया‘ दिखाकर ग्राहकों को भ्रमित कर रहे हैं।
कार्पेट एरिया वह वास्तविक उपयोग
योग्य फर्श क्षेत्र होता है जो घर के अंदर होता है, जबकि
सुपर बिल्ट-अप एरिया में सीढ़ी, बालकनी, कॉरिडोर, लिफ्ट जैसी साझा जगहें शामिल होती हैं।
रेरा अधिनियम में सुपर बिल्ट-अप एरिया का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
प्राधिकरण
ने स्पष्ट किया है कि प्रमोटर अपने विज्ञापनों, ब्रोशर
और अन्य प्रचार सामग्री में केवल कार्पेट एरिया का ही उल्लेख करें। साथ ही,
अन्य सुविधाओं का विवरण और मूल्य अलग से स्पष्ट करें। रेरा ने
नागरिकों से अपील की है कि वे खरीदारी के दौरान सतर्क रहें और यदि किसी परियोजना
में गुमराह करने की कोशिश की जाए तो इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ रेरा में दर्ज करा सकते हैं।