जगदलपुर :
नक्सलियो के खिलाफ पांचवें दिन भी करेंगुट्टा की पहाड़ी पर अभियान जारी रहा। फोर्स
ने शिकंजा कस लिया है और वे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। फोर्स पहाड़ी के एक हिस्से
में पहुंची जहां एक गुफा में उनकी मौजूदगी के निशान पाए गए। गुफा इतनी बड़ी है कि
उसमें एक हजार लोग जमा हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के पास इस
समय लगभग एक माह का रसद है। पानी की व्यवस्था भी है। नक्सलियों के सामने अब मरो या
सरेंडर करो की स्थिति बनी हुई है।
सूत्रों का कहना है कि,
करेंगुट्टा की पहाड़ी पर सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) माड़वी
हिड़मा के अलावा अन्य सीसीएम दामोदर, बंडी प्रकाश, आजाद, चन्द्रान्ना जे सुजाता, कट्टाराम
चन्द्र रेड्डी, विकल्प, विज्जो,
उर्मिला, गंगा, मंगड्डू,
अभय के अलावा दंडकारण्य जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) पापाराव व देवा की
भी मौजूदगी है। यह नक्सलियों के थिंक टैंक माने जाते हैं। फोर्स ने इनके साथ बड़ी
संख्या में पहाड़ी पर मौजूद नक्सलियों पर शिकंजा कस दिया है। मौके पर तैनात जवान
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, भीषण गर्मी व अन्य चुनौतीपूर्ण
परिस्थितियों के बावजूद डटे हुए हैं। भारी गर्मी के चलते कुछ जवान डिहाइड्रेशन का
शिकार हो गए हैं, जिन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से अस्पतालों
में पहुंचाया जा रहा है तथा उनकी जगह दूसरे जवानों को एक्सचेंज किया जा रहा है।
इसलिए लंबा खिंचेगा
नक्सल आपरेशन
सूत्रों के अनुसार,
नक्सलियों के पास एक महीने तक का राशन है। साथ ही बारह माह नाला
पहाड़ी के उपर होने से डी के उपर होने से पानी की कमी नहीं होगी। लेकिन नक्सलियों
की संख्या बहुत ज्यादा है। इसी तरह शिकंजा कसता रहा तो कुछ दिनों में नक्सलियों के
सामने खाने के लाले पड़ना लाजमी है। साथ ही मानसिक और शारीरिक दबाव भी नक्सलियों
पर होगा। जिसके बाद मरो या सरेंडर करो की स्थिति निर्मित हो सकती है।
फोर्स पहुंची गुफा तक
बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर
नक्सलियों के खिलाफ पिछले 5 दिनों
से चल रहे ऑपरेशन के बीच जवानों को एक बड़ी सफलता हांथ लगी है। जवान नक्सलियों के
एक ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब हो गए, पर ऐसा लग रहा है कि
जवानों के पहुंचने से पहले ही नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल दिया था, क्योंकि यहां नक्सलियों के मौजूदगी के निशान भी मिले हैं, बताया जा रहा है कि इस गुफा में आराम से एक हजार से अधिक लोग कई दिनों तक
पनाह ले सकते हैं। गुफा में पानी से लेकर आराम करने की भी सुविधा है, गुफा के अंदर ही एक बहुत बड़ा बड़ा मैदान भी मौजूद है|
ड्रोन से रखी जा रही नजर
नक्सलियों के खिलाफ अब तक के सबसे
बड़े अभियान में दस हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। इस अभियान में
राज्य, केन्द्र सरकार, पुलिस
मुख्यालय, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों / पड़ोसी राज्यों की
फोर्स के अलावा बस्तर रेंज में तैनात डीआरजी, एसटीएफ,
कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ,
आईटीबीपी, सीएएफ, बस्तर
फाइटर व अन्य सुरक्षाबल शामिल है। लगभग 150 किमी इलाके पर
ड्रोन से नजर रखी जा रही है तथा आवश्यकतानुसार तैनात जवानों को एक्सचेज किया जा
रहा है। पांचवे दिन भी अलग अलग इलाकों में रुक रुककर फायरिंग होती रही लेकिन किसी
के हताहत होने की खबर नहीं है।