रायपुर : अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस,
एक मई, एक ऐसा दिन है जो श्रम की महत्ता,
मेहनतकश हाथों के सम्मान और सामाजिक न्याय की भावना को उजागर करता
है। यह दिवस न केवल इतिहास में दर्ज है बल्कि 1886 के शिकागो
आंदोलन को भी याद दिलाता है, जिसमें मजदूरों ने 8 घंटे काम, 8 घंटे विश्राम और 8 घंटे आत्म विकास के अधिकार की मांग की थी, बल्कि यह
आज भी उस संघर्ष को व्यक्त करता है जो श्रमिक अपने अधिकारों, सम्मान और सुरक्षा के लिए हर दिन करते हैं ।
एमसीबी
जिले में श्रमिक कल्याण योजनाओं का दिख रहा प्रभाव
छत्तीसगढ़ के
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला जो छत्तीसगढ़ के नए जिलों में से एक है, यहाँ के मेहनतकश श्रमिकों की मेहनत और लगन इस
क्षेत्र की आर्थिक धड़कन बन चुकी है। इस जिले की सड़कों से लेकर निर्माण स्थलों तक,
खेतों से लेकर खदानों तक श्रमिकों का पसीना इस इलाके की तरक्की में
संजीवनी की तरह काम करता है। जब हम इस क्षेत्र में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या को
देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जिला श्रमिक शक्ति
का केंद्र बन चुका है। मंडल स्तर पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल (BOC)
के अंतर्गत 30,534 श्रमिक पंजीकृत हैं और
असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल में 30,118 श्रमिकों का नाम
दर्ज है। जिला गठन के बाद भी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में 6,257
और असंगठित क्षेत्र में 4,601 श्रमिकों का
पंजीकरण हुआ है। कुल मिलाकर 71,510 श्रमिकों का पंजीकरण होना
इस बात का प्रमाण है कि सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुँच रही हैं और श्रमिक अपने
हक के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
ब्लॉक स्तर पर बात
करें तो मनेंद्रगढ़ में 26,065 श्रमिक पंजीकृत हैं, वहीं खड़गवां ब्लाक में 22,847
और भरतपुर ब्लाक में 10,739 श्रमिक पंजीकृत है,
ये आँकड़े न केवल प्रशासनिक सक्रियता को दर्शाते हैं बल्कि यह भी
प्रमाणित करते हैं कि श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी कितनी अहम है। इसी
उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार के संयुक्त प्रयासों से अनेक योजनाएं
संचालित की जा रही हैं।
श्रमिकों
के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं है लागू
छत्तीसगढ़ सरकार
द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं श्रम की गरिमा को बढ़ावा देने और जीवन स्तर
सुधारने की दिशा में सराहनीय पहल हैं। महतारी जतन योजना के तहत अब तक 1,351 श्रमिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह
योजना गर्भवती महिलाओं को पोषण और प्रसवपूर्व देखभाल हेतु वित्तीय सहायता देती है,
ताकि मातृत्व और शिशु जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। मुख्यमंत्री
सायकल सहायता योजना के तहत 2,672 विद्यार्थियों को साइकिल
प्रदान की गई है, जिससे उन्हें स्कूल जाने में सुविधा हो और
शिक्षा बाधित न हो।
मुख्यमंत्री श्रमिक
औजार सहायता योजना के अंतर्गत 1,887 श्रमिकों को उनके कार्य के अनुरूप औजार उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर होकर कार्य में दक्षता ला सकें। मुख्यमंत्री सिलाई
मशीन सहायता योजना के तहत 306 महिलाओं को स्वरोजगार हेतु
सिलाई मशीन दी गई है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही
है। वहीं श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नौनिहाल
छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई, जिसके तहत 3,536 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है। इससे शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है और भविष्य
की राहें खुली हैं।
मुख्यमंत्री नोनी
बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में 211
छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर प्रोत्साहन
राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास योजना में 1,031
श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नई तकनीकों और कार्य दक्षता की
जानकारी दी गई है, जिससे वे बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त कर
सकें। सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के अंतर्गत 1,230 निर्माण
श्रमिकों को हेलमेट, जैकेट, सेफ्टी शूज़
आदि दिए गए, जिससे उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित हो
सके। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत
78 श्रमिक परिवारों को राहत दी गई, जिनके
सदस्य या तो दिव्यांग हुए या जिनकी मृत्यु कार्य के दौरान हो गई हो ।
मुख्यमंत्री नोनी
सशक्तिकरण योजना के तहत 494 लड़कियों को विवाह, शिक्षा या स्वरोजगार हेतु आर्थिक
सहायता दी गई। वृद्ध श्रमिकों को भी सरकार ने नहीं भुलाया, उन्हें
मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत पेंशन स्वरूप 56 लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है । इसके अतिरिक्त बच्चों को निःशुल्क
गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना से 507 छात्र लाभान्वित
हुए, जिससे वे गरिमामय तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे श्रमिक बच्चों को निःशुल्क कोचिंग सहायता
योजना के अंतर्गत 8 छात्रों को संसाधन व मार्गदर्शन उपलब्ध
कराया गया है। निर्माण श्रमिकों को आवास हेतु मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास
सहायता योजना के तहत 7 श्रमिकों को घर बनाने में मदद मिली है
।
केंद्र
सरकार की श्रमिक कल्याण योजना से भी हो रहे है लाभान्वित
केंद्र सरकार की
योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 709 श्रमिकों को नाममात्र प्रीमियम पर 2 लाख का जीवन बीमा कवर प्रदान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा
योजना के तहत 1,412 श्रमिकों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिला
है, जिसमें आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति
में 2 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़
सरकार की एक और उल्लेखनीय पहल है “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम
अन्न सहायता योजना“ जिसका शुभारंभ 29 मार्च
2025 को मनेंद्रगढ़ नगर पालिका परिषद परिसर में किया गया। इस
योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 200 से 250 श्रमिकों
को मात्र 05 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह न
केवल भूख की समस्या का समाधान है, बल्कि यह श्रमिकों को
आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने की राह भी देता है।
छत्तीसगढ़ सरकार
विशेषकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण हेतु
प्रतिबद्ध है। इस अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता
है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करें,
उन्हें सम्मान दें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहभागी बनें।
क्योंकि जब श्रमिक मुस्कुराता है, तो समाज मुस्कुराता है। जब
श्रमिक सुरक्षित होता है, तो राष्ट्र सशक्त होता है। और जब
श्रमिक प्रगति करता है, तो देश आगे बढ़ता है।