रायपुर
: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि चन्द्रनाहू कुर्मी
क्षत्रीय समाज का अतीत गौरवशाली रहा है। समाज में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे
प्रतापी शासक हुए, वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी महान
विभूतियाँ हुईं, जिन्होंने देशी रियासतों के एकीकरण में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय
समाज न केवल परिश्रम और स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि यह
समाज छत्तीसगढ़ के विकास का आधार स्तंभ भी है। छत्तीसगढ़ को नई दिशा और विकसित राज्य
बनाने में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री साय आज दुर्ग जिले
के ग्राम कोलिहापुरी में आयोजित चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय
महाधिवेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा तथा विधायक श्री अजय चन्द्राकर, श्री गजेन्द्र यादव एवं श्री ललित चन्द्राकर विशिष्ट अतिथि के रूप में
सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि
छत्तीसगढ़ में चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के अधिकांश लोग मूल रूप से किसान
हैं और व्यापक स्तर पर कृषि कार्य से जुड़े हैं। प्रदेश सरकार किसान भाइयों के
चेहरों पर हमेशा खुशी देखना चाहती है। सरकार लगातार किसान भाइयों की बेहतरी के लिए
कार्य कर रही है। इस समय ‘विकसित
कृषि संकल्प अभियान’ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 29 मई से 12 जून 2025 तक चल रहा
है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को किसानों से सीधे जोड़ना और नई
कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा सफल कृषि मॉडलों की
जानकारी देना है। कृषि वैज्ञानिकों के 100 समूह छत्तीसगढ़ के
विभिन्न इलाकों में किसानों से संवाद कर रहे हैं। ये वैज्ञानिक किसानों को
ऑर्गेनिक खेती, खाद और ‘सॉयल हेल्थ
कार्ड’ के सही उपयोग के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ का हर किसान तकनीकी रूप से
सक्षम हो और उनकी आय में वृद्धि हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि
प्रदेश में खेती-किसानी तभी मजबूत होगी जब किसान भाइयों को उनकी उपज की सही कीमत
मिलेगी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विधानसभा चुनाव के
समय गारंटी दी थी कि प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों को दो साल का बकाया बोनस
दिया जाएगा। इसे पूरा करते हुए हमने किसानों के खातों में सरकार बनते ही राशि
अंतरित की। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ में किसानों से 3,100
रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल
प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की जा रही है। बीते खरीफ सीजन में राज्य में 149
लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत मिल रही है। धान खरीदी के
नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिससे प्रदेश में खेती के प्रति
किसानों का रुझान बढ़ रहा है। प्रदेश में सिंचाई के संसाधनों को बढ़ावा देने के
साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने
के लिए गरीब परिवारों को दो-दो दुधारू पशु दिए जाएंगे, जिनकी
देखभाल की जिम्मेदारी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपी गई है। किसानों को दूध
बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए दुग्ध एकत्र करने के
लिए भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में मिलेट्स
(कोदो, कुटकी और रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए
प्रोसेसिंग संयंत्र की स्थापना की जा रही है। यह अनाज पहले गरीबों का भोजन माना
जाता था, लेकिन अब यह पोषणयुक्त होने के कारण उच्च वर्ग में
भी लोकप्रिय हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने
नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिसमें
प्रदेश की जरूरत के हिसाब से उद्योग की स्थापना के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं।
हमारी सरकार का संकल्प है – सबका साथ, सबका
विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। इसी भावना से हम समाज
के हर वर्ग के लिए योजनाएँ बना रहे हैं और उन्हें कार्यरूप में परिणत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों, महिलाओं,
बुजुर्गों और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ
लागू की गई हैं। महतारी वंदना योजना के तहत 70 लाख से अधिक
महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा
रही है। इससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं और सिलाई, कढ़ाई,
सब्ज़ी उत्पादन जैसे कार्यों से अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को एक बार फिर शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला दर्शन
योजना के तहत अब तक 22,000 से अधिक
श्रद्धालु लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने अवगत कराया कि सुशासन तिहार में
छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों का दौरा किया। योजनाओं की जमीनी
स्तर पर मॉनिटरिंग की और जनता जनार्दन से फीडबैक लिया। तीन चरणों में संपन्न
सुशासन तिहार में 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं,
जिनका निराकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि
सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल व्यवस्था की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़
रही है। अब जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है,
जिससे आम जनता को राहत मिली है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अधिकांश
कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने विशेष ध्यान दिया
है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन और समाज को बेहतर बनाने का जरिया है। प्रदेश में आईआईटी,
आईआईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज
जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकार बच्चों
को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने का कार्य
कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कुर्मी समाज की
सराहना करते हुए कहा कि यह समाज उन्नत कृषक और व्यापारी समाज है,
जो छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह समाज न
केवल खेती और व्यापार में अग्रणी है, बल्कि शिक्षित और
संगठित भी है। उन्होंने आग्रह किया कि विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने
में सभी सामाजिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब
कोई समाज मजबूत होता है तो उससे पूरा राष्ट्र मजबूत होता है। शिक्षा, सेवा और जागरूकता से ही समाज और राष्ट्र का सशक्त निर्माण संभव है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि समाज को जोड़कर सही मार्ग दिखाने वालों
का समाज में हमेशा सम्मान होता है। आज समाज की नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की
आवश्यकता है। कार्यक्रम को विधायक श्री अजय चन्द्राकर,
श्री ललित चन्द्राकर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री चन्द्रहास
चन्द्राकर ने भी संबोधित किया। चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष
श्री विनोद चन्द्राकर ने स्वागत उद्बोधन में केन्द्रीय महाधिवेशन के उद्देश्यों पर
प्रकाश डाला। इस अवसर पर चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के पदाधिकारीगण एवं बड़ी
संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।