रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक अजीब मामला सामने आया है। राज्य की आर्थिक
अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में 30 साल बाद आरोपपत्र दाखिल किया है। जिस अधिकारी
के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है अब वह 82 साल का है।
जिस समय उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था उस समय छत्तीसगढ़ अगल राज्य नहीं बना था
वह मध्य प्रदेश का हिस्सा था। बता दें कि साल 2000 में मध्य
प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था।
दरअसल, 82 वर्षीय एक सेवानिवृत्त अधिकारी के खिलाफ 30 वर्ष बाद अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को
यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के एक
मामले में अविभाजित मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तैनात रहे खाद्य एवं नागरिक
आपूर्ति निगम के तत्कालीन संयुक्त संचालक डीडी भूतड़ा के खिलाफ जांच पूरी कर
बिलासपुर के विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में आरोपपत्र दायर किया।
1995 में दर्ज कराया गया था
मुकदमा
मामले की जानकारी
देते हुए अधिकारियों ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने 1995
में डीडी भूतड़ा के खिलाफ भोपाल में मामला दर्ज किया था। जिसकी जांच
रायपुर स्थित आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा को अधिकृत किया था। अधिकारियों ने बताया
कि जब ईओडब्ल्यू ने 13 सितंबर 1995 को
भूतड़ा के बिलासपुर स्थित निवास स्थान और उनके अन्य परिसरों पर छापेमारी की थी तब
उनके पास बिलासपुर में चावल की एक मिल और कई जमीन होने की जानकारी मिली थी।
छापेमारी में क्या-क्या मिला था
ईओडब्ल्यू ने डीडी
भूतड़ा के स्थान पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान टीम को सोना-चांदी और लगभग
उस जमाने में पांच लाख रुपये नकदी व अन्य सामान मिला था। जिसे जब्त कर लिया गया
था। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान जानकारी मिली कि भूतड़ा के पास आय से
तीन गुना अधिक संपत्ति मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने इस संबंध में अपना
अंतिम आरोपपत्र दायर कर दिया है। मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था। वहीं,
भूतड़ा को रिटायर हुए 22 साल हो गए हैं।