May 13, 2022


प्रियंका प्रजापति के दस्तावेज पर मिर्जापुर में शिक्षिका बनी प्रियंका को शासन ने किया बर्खास्त

प्रियंका प्रजापति लंदन में रह रही है और उसके दस्तावेज पर दूसरी प्रियंका शिक्षिका की नौकरी कर रही थी

लखनऊ। यूपी में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा मामले में शिक्षिक प्रियंका को विभाग ने शुक्रवार 13 मई 2022 को बर्खास्त कर दिया है। लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के नाम से मिर्जापुर जिले में कार्यरत शिक्षिका प्रियंका को अतिरिक्त शिक्षा निदेशक डॉ अंजना गोयल ने शुक्रवार 13 मई 2022 को बर्खास्त कर दिया। शिक्षिका मिर्जापुर जिले के पहाड़ी विकासखंड के भरपुरा स्थित एक सरकारी स्कूल में पदस्थापित थी। 

गुमनाम पत्र से हुआ खुलासा

फर्जी दस्तावेज लगाने वाली प्रियंका के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश एक गुमनाम शिकायत पत्र से हुआ। कन्नौज जिले की रहने वाली प्रियंका को लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के दस्तावेजों पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में सहायक शिक्षिका पद की नौकरी मिल गयी थी। फर्जी दस्तावेज पर शिक्षिका बनी प्रियंका ने करीब पांच साल तक काम किया और 40 लाख रुपये से ज्यादा वेतन लिया है।

मामले की जांच संयुक्त निदेशक शिक्षा डॉ. कामता राम पाल ने की थी। उनके रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त शिक्षा निदेशक डॉ. अंजना गोयल ने पहाड़ी विकास के भरपुरा स्थित एक सरकारी स्कूल में कार्यरत प्रियंका की सेवा समाप्त कर दी है। 


इस तरह हुआ प्रियंका की ठगी का भंडाफोड़ 

शिक्षा विभाग में गुमनाम शिकायत पत्र में शिक्षिका प्रियंका के दस्तावेज जाली होने की जानकारी मिली। यह गुमनाम पत्र कन्नौज जिले के ही किसी जानकार ने भेजा था। गुमनाम पत्र मिलते ही शिक्षक के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई। तीन सदस्यीय टीम ने शिक्षिका प्रियंका के रिकॉर्ड की जांच की। 2002 के कार्यकाल के दौरान कन्नौज जिले में बीएसए रहे कामताराम पाल को विंध्याचल मंडल के संयुक्त निदेशक शिक्षा (जेडी) के रूप में तैनात किया गया है। अप्रैल में एक गुमनाम शिकायत पत्र डाक के माध्यम से जेडी कामताराम पाल के कार्यालय पहुंचा। 

पत्र में लिखा था कि कन्नौज जिले की प्रियंका नाम की एक और लड़की लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के दस्तावेज लगाकर फर्जी तरीके से काम कर रही है। गुमनाम पत्र मिलने के बाद सहायक शिक्षक की सेवा पुस्तिका में दर्ज पते पर कार्यालय से डाक द्वारा सत्यापन पत्र भेजा गया। 

सत्यापन पत्र लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के पिता डॉ. मनोज कुमार के घर डाक के माध्यम से पहुंचा। तब जाकर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ हुआ। डॉ. मनोज कुमार की बेटी प्रियंका कई सालों से लंदन में रह रही हैं। मनोज कुमार ने कन्नौज एसपी को आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी और फर्जी दस्तावेजों की जांच की मांग की।

फर्जी प्रमाण पत्र पर काम करने की पुष्टि होने के बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।


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