नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के विभिन्न देशों में उपजे हालात की ओर इशारा करते हुए मंगलवार 26 अप्रैल 2022 को कहा कि आज विश्व के सामने अनेक साझे संकट और चुनौतियां हैं और मानवता के समक्ष खड़े प्रश्नों का समाधान भारत के अनुभवों और उसके सांस्कृतिक सामथ्र्य से ही निकल सकता है।
यहां 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर शिवगिरि तीर्थ यात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल बाद देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो भारत की उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए और इसके लिए उसकी दूरदृष्टि भी वैश्विक होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश, कई सभ्यताएं जब अपने धर्म से भटकीं, तो वहां आध्यात्म की जगह भौतिकतावाद ने ले ली लेकिन भारत के ऋषियों, संतों और गुरुओं ने हमेशा विचार और व्यवहार का शोधन किया और उनका संवर्धन किया।
उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने अनेक साझी चुनौतियां हैं और साझे संकट भी हैं तथा कोरोना महामारी के समय दुनिया ने इसकी एक झलक भी देखी है। मानवता के सामने खड़े भविष्य के प्रश्नों का उत्तर भारत के अनुभवों और भारत के सांस्कृतिक साम्थज़्य से ही निकल सकता है।
उन्होंने संतों और आध्यात्मिक गुरुओं से महान परंपरा को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। शिवगिरि तीर्थयात्रा और ब्रह्म विद्यालय दोनों महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के संरक्षण और मार्गदर्शन के साथ शुरू हुए थे।
क्या है शिवगिरी तीर्थ यात्रा
हर साल दुनिया भर से लाखों भक्त जाति, पंथ, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए शिवगिरी आते हैं।