रायपुर| छत्तीसगढ़
में सुगम तथा सुरक्षित यातायात के लिए नवा रायपुर में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ़
ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण पहल साबित
हो रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत दिवस 9 दिसम्बर 2021 को परिवहन मंत्री
श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इसका शुभारंभ हुआ था।
संस्थान में अब तक विगत 6 माह में 5 हजार से
अधिक प्रशिक्षु, वाहन चालन तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े हुए
नियमों का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
संस्थान में इस वर्ष जनवरी माह से आधिकारिक रूप से प्रशिक्षण
आरम्भ होने के उपरांत अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) ने प्रशिक्षण का
रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए जानकारी साझा की है कि यहां सड़क सुरक्षा में जागरूकता
लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा
जारी किये गए आकड़ों के अनुसार 72 प्रतिशत
दुर्घटनाओं में वाहन चालकों को दोषी पाया गया है। इसे संज्ञान में लेते हुए संस्था
ने 4 हजार से अधिक भारी वाहन चालकों को
रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रदान किया गया है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च
प्राथामिकता के आलोक में स्कूल बस चालकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
चलाया जा रहा है, इसके तहत प्रदेश भर के 800 से अधिक स्कूल बस चालक इस प्रशिक्षण
कार्यक्रम से अब तक लाभान्वित हो चुके है। इसके अलावा 350 से अधिक शासकीय वाहन चालकों को विशेष
प्रशिक्षण देते हुए मॉडल चालक बनने हेतु प्रेरित किया गया है, प्रशिक्षण निरंतर जारी है।
परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़
शासन एवं मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में संचालित
इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल
करते हुए 20 एकड के क्षेत्रफल में विशेष ड्राइविंग
ट्रैक से ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की योजना कार्यान्वित हुई। संस्थान में एक साथ 300 प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण लेने के
लिए 5 स्मार्ट क्लासरूम तथा विशालकाय ऑडिटोरियम
का उपयोग किया जा रहा है। उच्च स्तर के प्रशिक्षक सड़क सुरक्षा से जुड़ी बारीकियों
से छत्तीसगढ़ राज्य के चालकों को प्रशिक्षित कर रहे है। संस्थान में 80 प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय प्रशिक्षण एवं
कैंटीन सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। वाहन चालन कौशल को बढ़ावा देने हेतु शासन
ने महिला वाहन चालकों के लिए अतिरिक्त छूट की भी घोषणा की है। नये चालकों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त
किया है और उनमें विशेष उत्साह देखा गया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे इन कार्यक्रमों के जरिए
राज्य के चालकों में वाहन चालन कौशल का विकास होगा एवं उनके लिए रोजगार के अवसर
बढ़ेंगे। साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता आएगी और राज्य में हो रही सड़क
दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकेगी। बढ़ती हुई ईंधन की कीमतों को ध्यान में रखते हुए
संस्थान में ईंधन बचत के लिए वाहन चालकों में जागरूकता लाने हेतु भी विशेष
प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके अलावा संस्थान में ज्वलनशील प्रदार्थ
एवं खतरनाक रसायन के परिवहन में वाहन चालकों के लिए कार्यक्रम तैयार किये गए हैं।
लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) अध्यक्ष श्री संजय शर्मा एवं संस्थान के संयुक्त संचालक
श्री अमित गुप्ता के सतत् पर्यवेक्षण में संस्था में संचालित प्रशिक्षण
कार्यक्रमों में विशेष रूप से दुर्घटना से जुड़े कारण एवं निवारण, रक्षात्मक वाहन चालन, सड़क संकेत एवं सिग्नल, प्राथमिक उपचार, सड़क संबंधी
नियम एवं उल्लंघन करने से होने वाली दंडात्मक कार्यवाही, फाइन और पेनल्टी से जुड़े हुए नियम, कठिन परिस्तिथियों में वाहन चालन का कौशल
इत्यादि विषयों पर विस्तार से प्रशिक्षुओं को ऑडियो-वीडियो माध्यम से तरीके से
अवगत कराया जा रहा है।